
स्थानीय लोगों के अनुसार, चैदहवीं शताब्दी की शुरूआत से मुबारकपुर अपनी शानदार रेशम बुनाई के साथ-साथ अपने प्रभावशाली जरी कड़ाई…

निजामाबाद-आजमगढ़ ब्लैक पाॅटरी के नाम से जाना जाता है। पौराणिकता के अनुसार, सामंती शासकों ने फारसी शैली से प्रभावित होकर…

चन्द्रमा ऋषि आश्रम तमसा एवं सिलनी नदी के संगम पर स्थित है। राम नवमी तथा कार्तिक पूर्णिमा पर यहां मेला…

ऋषि दत्तात्रेय का मन्दिर तमसा एवं कुँवर नदी के संगम पर स्थित है। यहां शिवरात्रि के दिन प्रतिवर्ष मेले का…

पुराणों के अनुसार, माँ पाल्मेश्वरी धाम स्थल पर महाराजा दक्ष ने एक यज्ञ किया था, जिसमें भगवान भोले शंकर को…

दौलत इब्राहिम खाँ का मकबरा/किला अपने तात्कालीन वास्तु एवं स्थापत्य कला की बेमिसाल नमूना है। राजा हरिबंश सिंह ने अपने…

निजामाबाद में स्थापित चरण पादुका गुरूदारा अपने संस्कृति और विरासत के लिये जाना जाता है। कई सिख अनुयायियों और साथ…

पौराणिकता के अनुसार, अवन्तिकापुरी धाम में राजा परिक्षित के पुत्र जन्मेजय के द्वारा ग्रह के सभी सांपों को मारने के…

दुर्वासा ऋषि स्थल पर श्रद्धालु, भगवान शिव व दुर्बासा ऋषि का दर्शन कर अपनी मनोकामना पूरी करते हैं। श्रावण मास,…

भैरव बाबा का विशाल एवं अति प्राचीन मंदिर आस्था एवं श्रद्धा का केन्द्र है। प्रत्येक वर्ष यहां ज्येष्ठ मास के…