साड़ी उद्योग, मुबारकपुर
स्थानीय लोगों के अनुसार, चैदहवीं शताब्दी की शुरूआत से मुबारकपुर अपनी शानदार रेशम बुनाई के साथ-साथ अपने प्रभावशाली जरी कड़ाई के रूपांकनों के लिये भी प्रसिद्ध है। मुबारकपुर की बुनाई केवल कपड़ों का एक टुकड़ा या अल्पकालिक प्रवृत्ति नहीं है, यह एक शाश्वत शैली है, जिसे हम आज भी आधुनिक महिलाओं के पोशाक के तौर पर देखते हैं। यह साड़ियाॅं मुबारकपुर के करघे में शुद्ध रेशम में हाथ से बुनी जाती है, जिसमें सबसे जटिल कढुआ रूपांकन वाला जरी और भारी पल्लू एवं जरी वाले बाॅर्डर का उपयोग किया जाता है। मुबारकपुर के बुनकरों और बुने साड़ियों को मान्यता देना और इसकी अपनी पहचान द्वारा सुलभतापूर्वक इन साड़ियों की ब्रिकी से वहाॅं के बुनकरों की आय/जीविका निर्भर है। बनारस के अधिकारियों बौर व्यापारियों की सक्रिय भागीदारी से राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करने वाले रेशम साड़ियों की ब्रिकी के स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। वर्तमान में इस बुनकर व बुनाई क्लस्टर की विश्व स्तर पर पहचान है।
आगन्तुक पर्यटकों में बढ़ोत्तरी, अधिकाधिक पर्यटन विकास, स्थानीय लोगों के रोजगार सृजन एवं पूंजी निवेश में बढ़ोत्तरी के दृष्टिकोण साडी उद्योग, मुबारकपुर स्थल को ग्रामीण पर्यटन योजना के तहत विकसित किया जा सकता है। शिल्प मेले में भी साडी उद्योग, मुबारकपुर की प्रदर्शिनी भी एक अच्छी पहल होगी। पर्यटन विकास के कार्यों को कराया गया है, जिससे लोग लाभांवित हो रहे है।